शुक्रवार, 16 जून 2017

इल्ज़ाम

हर तरफ रंजो-अलम के साए हैं
अब कुछ अपने लोग भी पराए हैं
एक औरजाए तो क्या कयामत होगी
जब हजारों इल्ज़ाम मेरे सर आए हैं

जिंदगी कटती नहीं अब जैसे-तैसे बसर किया करता हूँ
पानी से प्यास बुझती नहीं अब मैं जहर पिया करता हूँ

ऐसा भी मुकाम मेरी राह-ए-सफर में आया
खता सबने की इल्ज़ाम मेरे सर आया

सोमवार, 8 अगस्त 2016

शायरी

उसे नाज है  अपने हुस्न पर,
कि हम उस पर गजल लिखते हैं...
उस नादान को इतना भी नहीं मालूम,
कि सितारे चमकने के लिए चाँद का इंतजार नहीं करते...

शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

Csk

गफलतों का दौर कुछ इस कदर जारी है,
तेरे साथ मैने हर एक पल तन्हा गुजारी है.

शायरी

बेपनाह मोहब्बत करूँ,
या फना होकर मोहब्बत करूँ,
बता तुझे कैसी मोहब्बत पसंद है?
मैं तुझे वैसे ही मोहब्बत करूँ.

इल्ज़ाम

हर तरफ रंजो- अलम के साए हैं अब कुछ अपने लोग भी पराए हैं एक और आ जाए तो क्या कयामत होगी जब हजारों इल्ज़ाम मेरे सर आए हैं ...