गफलतों का दौर कुछ इस कदर जारी है, तेरे साथ मैने हर एक पल तन्हा गुजारी है.
हर तरफ रंजो- अलम के साए हैं अब कुछ अपने लोग भी पराए हैं एक और आ जाए तो क्या कयामत होगी जब हजारों इल्ज़ाम मेरे सर आए हैं ...
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